गुरू" अंधकार में से उजाले में लाते है गुरु, विद्

""गुरू" अंधकार में से उजाले में लाते है गुरु, विद्यारूपी ज्ञान देकर नया जन्म देते है गुरु। क से लेकर कर्ण के सामने लड़ना सिखाते है गुरु, प्रयास करते समय कहां होती है गलती वो भी बताते है गुरु। मेरी हर गलती की सजा देते है गुरु, उस सजा में से सीख भी देते है गुरु। मेरी हर समस्या को सुनने के लिए तैयार होते है गुरु, उस समस्या का समाधान भी सदा मुझे देते है गुरु। शून्य में से सर्जन करना सिखाते है गुरु, सर्जन से लेकर शिखर तक पहुंचाते है गुरु। गुरुकुल में माता-पिता की कमी पूर्ण करते है गुरु, पाऊं अकेली खुद को मैं तब मित्र भी बन जाते है गुरु। करूं शरारत जब मैं तो पीट डालते है गुरु, बाद में वो ही मुझे प्यार से बहलाते है गुरु। चाहे अकेली कितना भी प्रयास कर ले तू 'कुंज', लेकिन तू सीख कुछ नहीं पायेगी बिन गुरु। ~Kunjan Mehta ✨ ©Kunjan Mehta"

 "गुरू"

अंधकार में से उजाले में लाते है गुरु,
विद्यारूपी ज्ञान देकर नया जन्म देते है गुरु।

क से लेकर कर्ण के सामने लड़ना सिखाते है गुरु,
प्रयास करते समय कहां होती है गलती वो भी बताते है गुरु।

मेरी हर गलती की सजा देते है गुरु,
उस सजा में से सीख भी देते है गुरु।

मेरी हर समस्या को सुनने के लिए तैयार होते है गुरु,
उस समस्या का समाधान भी सदा मुझे देते है गुरु।

शून्य में से सर्जन करना सिखाते है गुरु,
सर्जन से लेकर शिखर तक पहुंचाते है गुरु।

गुरुकुल में माता-पिता की कमी पूर्ण करते है गुरु,
पाऊं अकेली खुद को मैं तब मित्र भी बन जाते है गुरु।

करूं शरारत जब मैं तो पीट डालते है गुरु,
बाद में वो ही मुझे प्यार से बहलाते है गुरु।

चाहे अकेली कितना भी प्रयास कर ले तू 'कुंज',
लेकिन तू सीख कुछ नहीं पायेगी बिन गुरु।

~Kunjan Mehta ✨

©Kunjan Mehta

"गुरू" अंधकार में से उजाले में लाते है गुरु, विद्यारूपी ज्ञान देकर नया जन्म देते है गुरु। क से लेकर कर्ण के सामने लड़ना सिखाते है गुरु, प्रयास करते समय कहां होती है गलती वो भी बताते है गुरु। मेरी हर गलती की सजा देते है गुरु, उस सजा में से सीख भी देते है गुरु। मेरी हर समस्या को सुनने के लिए तैयार होते है गुरु, उस समस्या का समाधान भी सदा मुझे देते है गुरु। शून्य में से सर्जन करना सिखाते है गुरु, सर्जन से लेकर शिखर तक पहुंचाते है गुरु। गुरुकुल में माता-पिता की कमी पूर्ण करते है गुरु, पाऊं अकेली खुद को मैं तब मित्र भी बन जाते है गुरु। करूं शरारत जब मैं तो पीट डालते है गुरु, बाद में वो ही मुझे प्यार से बहलाते है गुरु। चाहे अकेली कितना भी प्रयास कर ले तू 'कुंज', लेकिन तू सीख कुछ नहीं पायेगी बिन गुरु। ~Kunjan Mehta ✨ ©Kunjan Mehta

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