"शब्द कड़वे हो तो ज़हर,मीठे हो तो अमृत से होते है
शब्द पल भर मे रिश्तो की मरयादा बदल देते है
इजहार ए मोहब्बत मे शब्द बेमिसाल होते है
शाजिस ए कत्ल मे शब्द खंजर से होते है"
शब्द कड़वे हो तो ज़हर,मीठे हो तो अमृत से होते है
शब्द पल भर मे रिश्तो की मरयादा बदल देते है
इजहार ए मोहब्बत मे शब्द बेमिसाल होते है
शाजिस ए कत्ल मे शब्द खंजर से होते है