प्रेम को भले ही गीतकारों ने रोग कहा है किंतु मेरी

"प्रेम को भले ही गीतकारों ने रोग कहा है किंतु मेरी दृष्टि में प्रेम वो औषधि है जिससे हर रोग की पीड़ा मिटाई जा सकती है.... प्रेम सृजन का मूल है दुनिया के हर अच्छे कार्य का केंद्र प्रेम ही है.... प्रेम ही वो तत्व है जिसके वशीभूत मां प्रसव वेदना को भूलकर अपने शिशु को हृदय से लगा कर मुस्कुराती है... ©shivani"

 प्रेम को भले ही गीतकारों ने रोग कहा है किंतु मेरी दृष्टि में प्रेम वो औषधि है जिससे हर रोग की पीड़ा मिटाई जा सकती है....
प्रेम सृजन का मूल है 
दुनिया के हर अच्छे कार्य का केंद्र प्रेम ही है....
प्रेम ही वो तत्व है जिसके वशीभूत मां प्रसव वेदना को भूलकर अपने शिशु को हृदय से लगा कर मुस्कुराती है...

©shivani

प्रेम को भले ही गीतकारों ने रोग कहा है किंतु मेरी दृष्टि में प्रेम वो औषधि है जिससे हर रोग की पीड़ा मिटाई जा सकती है.... प्रेम सृजन का मूल है दुनिया के हर अच्छे कार्य का केंद्र प्रेम ही है.... प्रेम ही वो तत्व है जिसके वशीभूत मां प्रसव वेदना को भूलकर अपने शिशु को हृदय से लगा कर मुस्कुराती है... ©shivani

#प्रेम_जीवन_है

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