ले मेरे तजरबों से सबक़ ऐ मेरे रक़ीब, दो-चार साल उम | हिंदी Shayari

"ले मेरे तजरबों से सबक़ ऐ मेरे रक़ीब, दो-चार साल उम्र में तुझ से बड़ा हूँ मैं| ©Ansh Rajpoot"

 ले मेरे तजरबों से सबक़ ऐ मेरे रक़ीब,
दो-चार साल उम्र में तुझ से बड़ा हूँ मैं|

©Ansh Rajpoot

ले मेरे तजरबों से सबक़ ऐ मेरे रक़ीब, दो-चार साल उम्र में तुझ से बड़ा हूँ मैं| ©Ansh Rajpoot

✍️😊👍
#Hopeless

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