रेत के ढेर की तरह मैं हर किसी के हाथ से फिसल

"रेत के ढेर की तरह मैं हर किसी के हाथ से फिसला हूं मैं वो परिंदा हूं जनाब जो दूसरों के पंखों से ज़िन्दा हूं"

 रेत के ढेर की तरह 

    मैं हर किसी के हाथ से फिसला हूं 

 मैं वो परिंदा हूं जनाब 
 
     जो दूसरों के पंखों से ज़िन्दा हूं

रेत के ढेर की तरह मैं हर किसी के हाथ से फिसला हूं मैं वो परिंदा हूं जनाब जो दूसरों के पंखों से ज़िन्दा हूं

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