सुबह शाम बर्बाद किए फिरता हूं खुद पर एहसास सा किए | हिंदी शायरी

"सुबह शाम बर्बाद किए फिरता हूं खुद पर एहसास सा किए फिरता हूं वो एक नजर नहीं देखता मेरी तरफ़ एक मै उस पर जान दिए फिरता हूं ‌। ©Safarsukoonka"

 सुबह शाम बर्बाद किए फिरता हूं
खुद पर एहसास सा किए फिरता हूं
वो एक नजर नहीं देखता मेरी तरफ़ 
एक मै उस पर जान दिए फिरता हूं ‌।

©Safarsukoonka

सुबह शाम बर्बाद किए फिरता हूं खुद पर एहसास सा किए फिरता हूं वो एक नजर नहीं देखता मेरी तरफ़ एक मै उस पर जान दिए फिरता हूं ‌। ©Safarsukoonka

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