चेहरा दमकता है मेरा,पर उसका नूर होते हो तुम बेचैनी | हिंदी शायरी

"चेहरा दमकता है मेरा,पर उसका नूर होते हो तुम बेचैनी बढ़ जाती है मेरी, जब भी दूर होते हो तुम कब्जा करते जा रहे हो, बिन पूछे ही धीरे धीरे से जनाब खुशी मुझे होती है बहुत ,जब भी महशूर होते हो तुम ©आजाद पंछी pcj"

 चेहरा दमकता है मेरा,पर उसका नूर होते हो तुम
बेचैनी बढ़ जाती है मेरी, जब भी दूर होते हो तुम
कब्जा करते जा रहे हो, बिन पूछे ही धीरे धीरे से जनाब
खुशी मुझे होती है बहुत ,जब भी महशूर होते हो तुम

©आजाद पंछी pcj

चेहरा दमकता है मेरा,पर उसका नूर होते हो तुम बेचैनी बढ़ जाती है मेरी, जब भी दूर होते हो तुम कब्जा करते जा रहे हो, बिन पूछे ही धीरे धीरे से जनाब खुशी मुझे होती है बहुत ,जब भी महशूर होते हो तुम ©आजाद पंछी pcj

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