हाँ थोड़े अजीब है हम, बातों से बहुत गरीब है हम जि | हिंदी Poetry

"हाँ थोड़े अजीब है हम, बातों से बहुत गरीब है हम जिस रिश्ते ने मुझे समझा , उस रिश्ते मे बंध गए हम रुतबे से थोड़े फ़कीर है हम, पर दिल के बहुत अमीर है हम सच्चे दिल के लिए वफा है हम, संग दिल सजा है हम हमे जो समझे उसके लिए खुली किताब है हम, और जो ना समझे उसके लिए अजीब दास्तां है हम हाँ "साहेब" थोड़े अजीब है हम..... ©chandni"

 हाँ थोड़े अजीब है हम, बातों से बहुत
गरीब है हम

जिस रिश्ते ने मुझे समझा , उस रिश्ते मे
बंध गए हम

रुतबे से थोड़े फ़कीर है हम, पर दिल के
बहुत अमीर है हम

सच्चे दिल के लिए वफा है हम, संग दिल 
सजा है हम 

हमे जो समझे उसके लिए खुली किताब है 
हम, और जो ना समझे उसके लिए
अजीब दास्तां है हम 


हाँ "साहेब" थोड़े अजीब है हम.....

©chandni

हाँ थोड़े अजीब है हम, बातों से बहुत गरीब है हम जिस रिश्ते ने मुझे समझा , उस रिश्ते मे बंध गए हम रुतबे से थोड़े फ़कीर है हम, पर दिल के बहुत अमीर है हम सच्चे दिल के लिए वफा है हम, संग दिल सजा है हम हमे जो समझे उसके लिए खुली किताब है हम, और जो ना समझे उसके लिए अजीब दास्तां है हम हाँ "साहेब" थोड़े अजीब है हम..... ©chandni

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