कुछ पल इन हवाओं के साथ
समुन्दर मैं उठती लहरों केे साथ,
रेत केे उपर घूमते हुए हाथ
लिख देते कुछ अनकही बात |
कुछ सपने और कुछ हकीकत हैं
ये अरमाने भी अब धुँधले हैं
वक़्त भी साथ छोड़ गया अब,
रह गए बस कुछ शिकायतें हैं |
आँखों से निकलते हुए आंसू केे धार
अब करलेते हैं समुंदर को पार,
खुद से ही जब रुठ गया है
कैसे करेगा ये दिल दूसरों को प्यार |
live to love to live
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꧁ 𝐣𝐮𝐬𝐭 𝐩𝐞𝐨𝐫𝐭𝐲 ꧂ @Prem banerjee @Internet Jockey @Satyaprem Upadhyay @Sahil Rathore