(छलावा) विश्वास की डोर अगर कमजोर पड़ने लगे तो कसक | हिंदी कविता Video

"(छलावा) विश्वास की डोर अगर कमजोर पड़ने लगे तो कसके पकड़ कर रखो फिर चाहे जो भी हो कभी पीछे मत हटो बस करके ही दम लो रखो रखना है अगर विश्वास खुद पर ही भरोसे गैरो के मत बैठो क्योकि भरोसेमंद लोग ही कुछ मन्द पड़ने लगते है थोड़े वक्त के बाद ही। ©SAKSHI JAIN "

(छलावा) विश्वास की डोर अगर कमजोर पड़ने लगे तो कसके पकड़ कर रखो फिर चाहे जो भी हो कभी पीछे मत हटो बस करके ही दम लो रखो रखना है अगर विश्वास खुद पर ही भरोसे गैरो के मत बैठो क्योकि भरोसेमंद लोग ही कुछ मन्द पड़ने लगते है थोड़े वक्त के बाद ही। ©SAKSHI JAIN

#भरोसा

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