भुला देना ही अच्छा है"
किसी भी सूरत में बिछड़े यार से,
ना बची हो मिलने की कोई उम्मीद, तो
ऐ मेरे दिल ए अज़ीज ,ऐसी मोहब्बत
को ,कभी-कभी भुला देना ही अच्छा है।
मोहब्बत के दुश्मनों को ,
ज़रा सुकून औ चैन आ जाएगा,
देख के चलती फिरती लाश बिछड़े
आशिक़ की, अंज़ाम ए इश्क़ का यही किस्सा है।
©Anuj Ray
# भुला देना ही अच्छा है"