आरज़ूएं हज़ार रखते हैं तो भी हम दिल को मार रखते हैं ,
हम से ख़ुश-ज़मज़मा कहाँ यूँ तो लब ओ लहजा हज़ार रखते हैं ...
©Arsh....
आरज़ूएं हज़ार रखते हैं तो भी हम दिल को मार रखते हैं ,
हम से ख़ुश-ज़मज़मा कहाँ यूँ तो लब ओ लहजा हज़ार रखते हैं ... @shiza @Niaz (Harf) @Satyajeet Roy कृष्णा वाघमारे, जालना , महाराष्ट्र,431211 FAKIR SAAB(ek fakir)