हो गया इश्क़ तुमसे इसमें क्या खता है मजहब और जात की देदो चाहे जो सजा है। नजरे चार हो गयी तो कोई गलती नही हुई हमने क्या गुनाह किया इश्क़ किया हिंसा नही। इश्क़ किया हिंसा नही। #इश्क #हिंसा #दिल्ली Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto