White न सोंचो, न समझो, न देखो, न भालो,
भरो धूप मुट्ठी में, ऊपर उछालो....
कहो सांझ से, तेरी चाहत में हूं मैं,
चांदनी रात में, मुझको आकर सम्हालो।
बादलों को बुलाकर के, कह दो कि बरसो,
धरा से कहो, बूंदें खुद में समा लो....
थोड़ी बेफिकरी से जीकर तो देखो,
भरी रेत दिल में जो, उसको निकालो।।
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©Neel
#धूप 🍁