White पल्लव की डायरी
मिथक टूट रहे है सियासतों के
लोकतंत्र खतरे में है
मूल्यांकन कैसे हो सरकारों का
जब सब संस्थाये दहशत में है
घण्टी कौन बाँधे नेताओ के
कार्यप्रणाली इनकी
डकैतों और गुंडों जैसी है
आंदोलनों से कोई सत्ता नही हिलती
मीडिया और पत्रकार उसके चरनबन्दन में है
न्यायालय को भी सुध नही है अब
बुलडोजरों की दहशत है
विपक्ष की कमर तोड़ दी,
संवाद और आवाज उठा नही पाता है
समस्याओं से जनता घिरी है
पतन की ओर देश जाता है
प्रवीण जैन पल्लव
©Praveen Jain "पल्लव"
#GoodMorning मिथक टूट रहे सियासतों के
#nojotohindi