क्या तुम्हें पहली रात याद है?
जब पहली बार हमने अपनी शर्म को त्यागकर एक दूसरे के बदन को चादर की तरह ओढ़ लिया था।
मैं उस रात को भूल नही सकता।
उस रात मेरा बदन जवालामुखी जैसा गर्म था।
लेकिन तुम्हारा बदन बर्फ़ की तरह ठंडा।
मेरे बदन का पसीना जब तुम्हारे बदन पर गिरता।
तब वो बर्फ के जैसे जम जाता।
लेकिन जब तुम्हारे बदन का पसीना मेरे बदन पर गिरता।
वो भाँप बनकर उड़ जाता।
उस रात हमारी साँसें कोहरे में बदल गयी थी।
©Ink of broken Heart
मेरी पहली इरोटिक कविता। उम्मीद है मौसम में गर्मी नई बढ़ेगी।
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