ये झुकी पालकों को थोड़ा उठाओं ना क्यों ये नाजुक ला | हिंदी Shayari
"ये झुकी पालकों को थोड़ा उठाओं ना
क्यों ये नाजुक लाल होंठ ख़ामोश हैं
थोड़ा मुस्कुराओ ना
और हमारी चाहत हैं कि आपकी कातिलाना आंखों को देखें
जरा इन जुल्फों को आंखों से हटाओ ना"
ये झुकी पालकों को थोड़ा उठाओं ना
क्यों ये नाजुक लाल होंठ ख़ामोश हैं
थोड़ा मुस्कुराओ ना
और हमारी चाहत हैं कि आपकी कातिलाना आंखों को देखें
जरा इन जुल्फों को आंखों से हटाओ ना