सुनो ना,
कैद हुए जुल्फों को तेरे खुला छोड़ दो।
होश में हैं जो समा, उसे मदहोश तुम कर दो।
ये हजारों सवाल है जो तेरे, रेत की तरह छोड़ दो।
वो चांद सा चेहरा तेरा, जरा मेरी तरफ मोड़ दो।
गुज़ारिश आपसे....... बिन कहे,
नसीब से मेरे, तेरी लकीरें मिला दो।
पूरी कहानी नहीं सही, पर एक हसीन सा लम्हां बना दो।
सुनो ना,
कैद हुए जुल्फों को तेरे खुला छोड़ दो।
होश में हैं जो समा, उसे मदहोश तुम कर दो।
- ज्ञानकिर्ती
©Kirti
#WinterLove