थोड़ा सा मशहूर थोड़ा बहुत नाम कमाया है,
तुझे बनाया ख़ुदा हरदम तू मुझमें समाया है..!
किये वादे सारे अधूरे न छोड़े,
मैंने रिश्तों को सभी दिल से निभाया है..!
बेईमान हैं कुछ अपने ही आस्तीन में छुपे,
मौसम की तरह बदलती ज़ुबाँ से भिगाया है..!
सब्र रखना न रखना बदले की भावना,
मेरे पिता ने मुझे बखूब सिखाया है..!
अनजानी राह पर बेख़ौफ़ रहना,
अँधियारे को प्रकाश मन से दिखाया है..!
न डूबने देंगे हौंसलों को अपने,
न हार कर घुटने टेकेंगे हम..!
वक़्त हालात देख कर छोड़ने वालों को,
अपनी उँगली पर हमने नचाया है..!
ये खेल धन दौलत शान-ओ-शौकत का,
ख़ुदा ने कभी न ख़ुद से रचाया है..!
©SHIVA KANT(Shayar)
#lightning #Mashhoor