नम है आँखें, मायूसी चेहरें । ख्वाबों के बीच द्वंद् | हिंदी Quotes

"नम है आँखें, मायूसी चेहरें । ख्वाबों के बीच द्वंद्व है। खुद को आजाद मानते है किंतु अंतर्मन कहां स्वच्छंद है। खुशियों को रख कर शूल पर, अपने नैतिक मूल्यों को भूल कर। मन के भीतर हम क्रांति लिए, हम कहते जीवन में शांति नहीं। ©P.Kumar"

 नम है आँखें, मायूसी चेहरें ।
ख्वाबों के बीच द्वंद्व है।
खुद को आजाद मानते है
किंतु अंतर्मन कहां स्वच्छंद है।
खुशियों को रख कर शूल पर, अपने नैतिक मूल्यों को भूल कर।
मन के भीतर हम क्रांति लिए, हम कहते जीवन में शांति नहीं।

©P.Kumar

नम है आँखें, मायूसी चेहरें । ख्वाबों के बीच द्वंद्व है। खुद को आजाद मानते है किंतु अंतर्मन कहां स्वच्छंद है। खुशियों को रख कर शूल पर, अपने नैतिक मूल्यों को भूल कर। मन के भीतर हम क्रांति लिए, हम कहते जीवन में शांति नहीं। ©P.Kumar

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