मेरे हाथों को पकड़ के थाम सकते हो क्या मैं गर डूब | हिंदी कविता
"मेरे हाथों को पकड़ के थाम सकते हो क्या
मैं गर डूब रहा हूँ मुझे
निकाल सकते हो क्या
बेवजह का शौक नहीं मुझमें कोई
मेरे अल्हड़पन को थोड़ा सा संभाल सकते हो क्या ।।
#खैर #GN"
मेरे हाथों को पकड़ के थाम सकते हो क्या
मैं गर डूब रहा हूँ मुझे
निकाल सकते हो क्या
बेवजह का शौक नहीं मुझमें कोई
मेरे अल्हड़पन को थोड़ा सा संभाल सकते हो क्या ।।
#खैर #GN