जीवन,रूतबा,सम्मान, ऐश्वर्य,ज्ञान,उत्कर्षता हर एक सच्चे गुण की खान है किताबें
समाज से जो कट या काट दिया गया है उसके जीवन में खुशी की दुकान है किताबें
सब कुछ चुपके से सीखला देती हैं ओर बदले में कुछ ना लेती है इतनी नादान हैं किताबें
मेरे जीवन में जो भी उजला उजला है उसकी नींव या यूं कहूं मेरा अभिमान हैं किताबें
©Tr. Pradeep sharma RES
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