कुछ विवेकी तथा चैतन्य लोगों को छोड़ दें तो संसार के सभी लोगों में एक बात अवश्य मिलती
है कि वह स्वयं को कभी दोषी अथवा अपराधी
नहीं मानता है सदैव परिस्थितियों पर ही सारे
दोष डाल दिया करता है संसार के सभी दुखों
का कारण यही है... -वेद प्रकाश
©VED PRAKASH 73
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