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"कुछ शख्श दिल से यूं उतर गए हैं अब, जैसे रेत फिसल गया हो हाथ से आहिस्ता, बहुत अहसास दिलाया रिश्तों की गहराई का, मगर उन्हें अहसास न था मेरे अहसास का...पंकज ©Dr.Pankaj Singh "
कुछ शख्श दिल से यूं उतर गए हैं अब, जैसे रेत फिसल गया हो हाथ से आहिस्ता, बहुत अहसास दिलाया रिश्तों की गहराई का, मगर उन्हें अहसास न था मेरे अहसास का...पंकज ©Dr.Pankaj Singh
#sunrisesunset
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