लोग कहते है की मोहब्बत पहला हो जाए तो उसके जैसा दूसरा नहीं होता ।
मगर गलत हैं लोग , मोहब्बत में कोई पहला दूसरा तीसरा चौथा मोहब्बत नहीं होता।
हर उम्र और हर मोहब्बत की अपनी एक अलग खूबसूरती और एहसास है।
पहली मोहब्बत भी खास है और जो आखिरी हो जाए किसी से वो भी खास होता है।
आठवीं क्लास की मोहब्बत का एक अलग एहसास है।
दसवी के मोहब्बत की अलग मिठास है।
ग्यारहवीं, बारहवीं में मोहब्बत का अलग मिजाज है।
मोहब्बत 25 वाली भी लाज़वाब है और
मोहब्बत 35 में जो हो उसकी भी अलग स्वाद है।
मोहब्बत तो मोहब्बत है चाहे जितनी भी हो जितने बार भी हो।
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©Gaurav Kumar
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