White जब अपने ही मुंह मोड़ ले,
तो जीना मुश्किल हो जाता है।
दिल की बात कहें तो किस से,
जब कुछ समझ नहीं आता है।।
मेरे ही घर के आंगन में,
सन्नाटा सा फ़ैला है।
किसी जमाने में खुशियां थी,
दुःख ही अब तो झेला है।
ऐसा तो कुछ भी किया नहीं,
कि मुझे पराया कर दिया।
सब वाणी का विष पीकर भी,
मुझको ही विषैला कर दिया।
इतना कच्चा हो गया रिश्ता,
प्रेम समझ नहीं पाता है।
दिल की बात कहें तो किस से,
जब कुछ समझ नहीं आता है।।
©Satish Kumar Meena
दिल की बात