••• भविष्य अब भी मेरे हाथ में है।
••• मेरे जीवन के अनुभवों में एक यह भी है कि मुझे यह आशा है कि कोई-न-कोई किरण उबार लेती है और जीवन से दूर भटकने नहीं देती।
••• चरित्र निर्माण ही छात्रों का मुख्य कर्तव्य है।
••• मैं चाहता हूँ चरित्र, ज्ञान और कार्य।
••• हमें केवल कार्य करने का अधिकार है। कर्म ही हमारा कर्तव्य है। कर्म के फल का स्वामी वह (भगवान) है, हम नहीं।
••• कर्म के बंधन को तोडना बहुत कठिन कार्य है।
••• मैंने अपने छोटे से जीवन का बहुत सारा समय व्यर्थ में ही खो दिया है।
••• माँ का प्यार सबसे गहरा होता है, स्वार्थ रहित होता है। इसको किसी भी प्रकार नापा नहीं जा सकता।
••• जिस व्यक्ति में सनक नहीं होती, वह कभी भी महान नहीं बन सकता। परन्तु सभी पागल व्यक्ति महान नहीं बन जाते क्योंकि सभी पागल व्यक्ति प्रतिभाशाली नहीं होते। आखिर क्यों ? कारण यह है कि केवल पागलपन ही काफी नहीं है। इसके अतिरिक्त कुछ और भी आवश्यक है।
••• भावना के बिना चिंतन असंभव है। यदि हमारे पास केवल भावना की पूंजी है तो चिंतन कभी भी फलदायक नहीं हो सकता। बहुत सारे लोग आवश्यकता से अधिक भावुक होते हैं। परन्तु वह कुछ सोचना नहीं चाहते।
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