पुरुष हूं ,
महाबली होना,
जरूरी है क्या ?
पुरुष हु ,
आंखों से आँसू न आये,
जरूरी है क्या ?
पुरुष हु,
मेरा ह्रदय पत्थर के बने है
जरूरी है क्या ?
पुरुष हु ,
प्रधान होना
जरूरी है क्या ?
पुरुष हु ,
जिम्मेदारी की पहाड़ मेरे कन्धे हो
जरूरी है क्या ?
पुरुष हु ,
आय का स्रोत मैं ही बनूं
जरूरी है क्या ?
पुरुष हु ,कोई खिलौना नही
पुरुष के नाम पे ये समाज मुझसे खेले
जरूरी है क्या ?
©POOJA
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