तूम रख न सकोगे मेरा तोहफा संभालकर वर्ना, अभी दे दू | हिंदी शायरी
"तूम रख न सकोगे मेरा तोहफा संभालकर वर्ना,
अभी दे दूँ जिस्म से रूह निकाल कर दे दूँ।
किसी टूटे हुए दिल की आवाज मुझे कहिये,
तार जिसके सब टूटे हों वो साज़ मुझे कहिये
मैं कौन हूँ और किसके लिए जिंदा हूँ,
मैं खुद नहीं समझा वो राज मुझे कहिये।"
तूम रख न सकोगे मेरा तोहफा संभालकर वर्ना,
अभी दे दूँ जिस्म से रूह निकाल कर दे दूँ।
किसी टूटे हुए दिल की आवाज मुझे कहिये,
तार जिसके सब टूटे हों वो साज़ मुझे कहिये
मैं कौन हूँ और किसके लिए जिंदा हूँ,
मैं खुद नहीं समझा वो राज मुझे कहिये।