मीठा बनकर ज़हर गले से उतर गया फिर देखो मीरा का प्रे | हिंदी Shayari

"मीठा बनकर ज़हर गले से उतर गया फिर देखो मीरा का प्रेम और निखर गया ! प्रेम में विरह पाया जब-जब राधा ने फिर देखो राधा का प्रेम अमर हो गया ! जग कल्याण का जब सोचा शिव ने फिर देखो विष शिव के गले में उतर गया ! जैसे ही कृष्ण ने ज्ञान दिया अर्जुन को फिर वो ही ज्ञान गीता उपदेश में बदल गया ! किसी भाव में जब भी रहा निष्ठा का वास वो भाव सारे जग में यश प्राप्त कर गया !! ©Anjali Nigam"

 मीठा बनकर ज़हर गले से उतर गया
फिर देखो मीरा का प्रेम और निखर गया !

प्रेम में विरह पाया जब-जब राधा ने
फिर देखो राधा का प्रेम अमर हो गया !

जग कल्याण का जब सोचा शिव ने
फिर देखो विष शिव के गले में उतर गया !

जैसे ही कृष्ण ने ज्ञान दिया अर्जुन को
फिर वो ही ज्ञान गीता उपदेश में बदल गया !

किसी भाव में जब भी रहा निष्ठा का वास
वो भाव सारे जग में यश प्राप्त कर गया !!

©Anjali Nigam

मीठा बनकर ज़हर गले से उतर गया फिर देखो मीरा का प्रेम और निखर गया ! प्रेम में विरह पाया जब-जब राधा ने फिर देखो राधा का प्रेम अमर हो गया ! जग कल्याण का जब सोचा शिव ने फिर देखो विष शिव के गले में उतर गया ! जैसे ही कृष्ण ने ज्ञान दिया अर्जुन को फिर वो ही ज्ञान गीता उपदेश में बदल गया ! किसी भाव में जब भी रहा निष्ठा का वास वो भाव सारे जग में यश प्राप्त कर गया !! ©Anjali Nigam

#premBhav....

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