क्रोध जलाए आप को , जल जाए बस छाती आग पी जाए तेल | हिंदी कविता Video

" क्रोध जलाए आप को , जल जाए बस छाती आग पी जाए तेल को अंत जले बस बाती।। अपनी मैं में मर रहा हर मानुष नादान , आंनद में बस वो रहे जो सुमिरे भगवान।। नाथ सहारा हो तुम्ही , तुम्ही हो पालनहार तुम्ही आस विश्वास हो , तुम्ही हो तारनहार।। रीते नयन सागर बने , हृदय लगे जब शूल, माफ किया न जाय रवि बड़ी लगे जब भूल।। बोले से बोले बने न , सब हार जाए मनोहार बातों से बातें बढ़ें फिर बस बढ़ जाए तकरार।। जलती बाती देख के, रवि करता रहा विचार जल कर, मिटकर ही हुआ है रोशन ये संसार।। ।। रवि ।। ©Ravi Sharma "

क्रोध जलाए आप को , जल जाए बस छाती आग पी जाए तेल को अंत जले बस बाती।। अपनी मैं में मर रहा हर मानुष नादान , आंनद में बस वो रहे जो सुमिरे भगवान।। नाथ सहारा हो तुम्ही , तुम्ही हो पालनहार तुम्ही आस विश्वास हो , तुम्ही हो तारनहार।। रीते नयन सागर बने , हृदय लगे जब शूल, माफ किया न जाय रवि बड़ी लगे जब भूल।। बोले से बोले बने न , सब हार जाए मनोहार बातों से बातें बढ़ें फिर बस बढ़ जाए तकरार।। जलती बाती देख के, रवि करता रहा विचार जल कर, मिटकर ही हुआ है रोशन ये संसार।। ।। रवि ।। ©Ravi Sharma


क्रोध जलाए आप को , जल जाए बस छाती
आग पी जाए तेल को अंत जले बस बाती।।

अपनी मैं में मर रहा हर मानुष नादान ,
आंनद में बस वो रहे जो सुमिरे भगवान।।

नाथ सहारा हो तुम्ही , तुम्ही हो पालनहार

People who shared love close

More like this

Trending Topic