शमशीर के भी घाव को भरता रहा है वक्त ये, शब्दों के | हिंदी Shayari Vide

"शमशीर के भी घाव को भरता रहा है वक्त ये, शब्दों के हों गर ज़ख्म तो मरहम से वो भरते नही। @मुकेश पाण्डेय जिगर ©kavi sammelan "

शमशीर के भी घाव को भरता रहा है वक्त ये, शब्दों के हों गर ज़ख्म तो मरहम से वो भरते नही। @मुकेश पाण्डेय जिगर ©kavi sammelan

#sheroshayri #shayri #mukeshpandeyjigar #mukeshjigar #jigarkikalamse #jigarahmedabadi #kavita #ghazal

People who shared love close

More like this

Trending Topic