"बंशी की धुन में सारा संसार बसता है
मेरे कान्हा सबके दिल मे बसता है
बंशी जिनके अधर साजे है
माथे पे मोर मुकट विराजे है
स्वागत में मैंने फूल बरसाये है
आज देवकी घर मेरे कान्हा आये हैं ।।
फूलो की खुशबू ने न जाने कौनसा इत्र बिखेरा है ,
आज मेरे श्याम बाबा का दरबार जोरो से महक रहा है ।।
©VIJAY_SHARMA
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