अब प्रसिद्धि मेरी बेपनाह हो रही , जहां रखता कदम वह | हिंदी कविता

"अब प्रसिद्धि मेरी बेपनाह हो रही , जहां रखता कदम वहां राह हो रही । दर्द जिससे कहा उसने चलता किया , जब कविता लिखी वाह वाह हो रही ।। ©💕काव्याभिषेक 💕 Abhishek Jain"

 अब प्रसिद्धि मेरी बेपनाह हो रही ,
जहां रखता कदम वहां राह हो रही ।
दर्द जिससे कहा उसने चलता किया ,
जब कविता लिखी वाह वाह हो रही ।।

©💕काव्याभिषेक 💕 Abhishek Jain

अब प्रसिद्धि मेरी बेपनाह हो रही , जहां रखता कदम वहां राह हो रही । दर्द जिससे कहा उसने चलता किया , जब कविता लिखी वाह वाह हो रही ।। ©💕काव्याभिषेक 💕 Abhishek Jain

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