जो समाज को सुधार दे,कुछ ऐसी कविता हो सदा मानवीय प् | हिंदी कविता

"जो समाज को सुधार दे,कुछ ऐसी कविता हो सदा मानवीय प्यार दे , कुछ ऐसी कविता हो सरोकार ले मधुरता, बस यही श्रंगार मिले शब्द संबंध निखार दे, कुछ ऐसी कविता हो ©Jitendra Pandey"

 जो समाज को सुधार दे,कुछ ऐसी कविता हो
सदा मानवीय प्यार दे , कुछ ऐसी कविता हो सरोकार ले  मधुरता, बस यही श्रंगार मिले
शब्द संबंध निखार दे, कुछ ऐसी कविता हो

©Jitendra Pandey

जो समाज को सुधार दे,कुछ ऐसी कविता हो सदा मानवीय प्यार दे , कुछ ऐसी कविता हो सरोकार ले मधुरता, बस यही श्रंगार मिले शब्द संबंध निखार दे, कुछ ऐसी कविता हो ©Jitendra Pandey

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