White कुछ दिन और,कुछ लम्हे और ,कुछ वक्त और
फिर ये तख्त भी तेरा ,ये ताज भी तेरा
तन्हाइयों में डूबी ये शाम भी तेरी,ये कारवां भी तेरा
एक कदम पे बानिशार फासले देने का जज्ब
मुरव्वत पे जां निशार, सारी अत्फ भी जज्ब
मुझमें मेरी अदीबी मेरे खुदा कि नेमत हैं
मेरे अब्सार में अब तो,तिरी इब्तिदा ए इनाद हैं दफ्न
आब ए तल्ख हो यकीनी तो दिखता है सबकुछ
अब्र कि रौशनी में भी दिखता है सबकुछ
लाख धुआं उड़ा ले जफा ए समंदर में कोई
अपनी अना पे फना वो तो करता है सबकुछ
राजीव
©samandar Speaks
#sad_shayari @Satyaprem Upadhyay @Radhey Ray @Internet Jockey @Pragya Karn मनीष शर्मा