"White मैं ये जो बंद कमरे के अंधेरे में सहम जाता हूं
पर दो वक्त की रोटी कमाने खातिर
मध्य रात्री में शुनशान रास्तों से गुजर जाता हूं
वहम पाल रखा है हर कोई साथ है मेरे
मुड़कर देखता हूं तो अकेला ही पाता हूं
खुश हूं या नहीं मुझे खुद भी मालूम नहीं
पर मैं खुश हूं सबको जताता हूं
©Ravit Choudhary
"