शाम होने को है अब पंचर बनाते हैं अब भेड बकरियों से | हिंदी Shayari

"शाम होने को है अब पंचर बनाते हैं अब भेड बकरियों से उतर जाते हैं ज़िनत सामने मत आया कर हम तुझे देख के डर जाते हैं ख़्वाब क्या देखें पिले हारे लोग पंचर बनात बनातई मर जाते हैं - अब्दुल आज़मी 😂 #Sadharanmanushya ©#maxicandragon"

 शाम होने को है अब पंचर बनाते हैं
अब भेड बकरियों से उतर जाते हैं

ज़िनत सामने मत आया कर
हम तुझे देख के डर जाते हैं

ख़्वाब  क्या देखें पिले हारे लोग
पंचर बनात बनातई मर जाते हैं

- अब्दुल आज़मी 😂

#Sadharanmanushya

©#maxicandragon

शाम होने को है अब पंचर बनाते हैं अब भेड बकरियों से उतर जाते हैं ज़िनत सामने मत आया कर हम तुझे देख के डर जाते हैं ख़्वाब क्या देखें पिले हारे लोग पंचर बनात बनातई मर जाते हैं - अब्दुल आज़मी 😂 #Sadharanmanushya ©#maxicandragon

शाम होने को है अब पंचर बनाते हैं
अब भेड बकरियों से उतर जाते हैं

ज़िनत सामने मत आया कर
हम तुझे देख के डर जाते हैं

ख़्वाब क्या देखें पिले हारे लोग
पंचर बनात बनातई मर जाते हैं

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