मत कर तय मंजिल, अभी उड़ान बाकी है,
अधूरे हुये सफर का, अंजाम बाकी है।
अदब से सीख जो हिस्से में आ रहा है,
कौन है तू, बताना पड़ेगा दुनिया को,
सबकुछ पाया नहीं है, बनाना पहचान बाकी है।
फूक कर रख कदम अपने, इस जालसाजी में,
कही नहीं गया, तेरे हिस्से का आसमान बाकी है।।
-राज़ी
©ASI Rajeev Gupta
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