*हम 24 घंटे बाहर की दुनिया को देखते रहते हैं* *जब | हिंदी शायरी Video

"*हम 24 घंटे बाहर की दुनिया को देखते रहते हैं* *जब अन्तर में देखने का मौका होता है, तो हम सो जाते है।* * 24 घंटे में एक बार ही थोड़ी देर* *के लिये अपने कानों को बंद करके शब्द धुन को सुनो और* *ध्यान करते समय अपने अन्तर में देखने की कोशिश करो।* पहले आँखों से ही शुरु करो, क्योंकि यही सबसे* *महत्वपूर्ण इंद्री है जो हमें बाहर से जोड़े रखती है।* *फिर अपने भीतर में जो भी आवाज़ सुनाई पड़े,* *उसे सुनने की कोशिश करो। फिर ध्यान मग्न होकर* *खुश्बूओं को सूंघने की कोशिश भी करो। फिर तुम्हारे* *अन्दर चमत्कार हो उठेगा।* *पहले तुम पाओगे कि कुछ तो है फिर तुम पाओगे* *कि बहुत कुछ है यहां तो, क्योंकि भीतर अपने ही सँगीत हैं* *और अपनी ही आवाज़ें हैं। भीतर के अपने ही रंग हैं,* *अपने ही स्वाद और सुगंध हैं। जिस दिन आपको भीतर* *के रंग दिखाई देंगे, उस दिन बाहर की दुनिया के सब रंग* *फीके पड़ जाएंगे।* फिर तुम्हारी इच्छाएँ समाप्त हो जायेगी।* *तब संतोष और तृप्ति का भंडार मिल जाएगा।* ©Andy Mann "

*हम 24 घंटे बाहर की दुनिया को देखते रहते हैं* *जब अन्तर में देखने का मौका होता है, तो हम सो जाते है।* * 24 घंटे में एक बार ही थोड़ी देर* *के लिये अपने कानों को बंद करके शब्द धुन को सुनो और* *ध्यान करते समय अपने अन्तर में देखने की कोशिश करो।* पहले आँखों से ही शुरु करो, क्योंकि यही सबसे* *महत्वपूर्ण इंद्री है जो हमें बाहर से जोड़े रखती है।* *फिर अपने भीतर में जो भी आवाज़ सुनाई पड़े,* *उसे सुनने की कोशिश करो। फिर ध्यान मग्न होकर* *खुश्बूओं को सूंघने की कोशिश भी करो। फिर तुम्हारे* *अन्दर चमत्कार हो उठेगा।* *पहले तुम पाओगे कि कुछ तो है फिर तुम पाओगे* *कि बहुत कुछ है यहां तो, क्योंकि भीतर अपने ही सँगीत हैं* *और अपनी ही आवाज़ें हैं। भीतर के अपने ही रंग हैं,* *अपने ही स्वाद और सुगंध हैं। जिस दिन आपको भीतर* *के रंग दिखाई देंगे, उस दिन बाहर की दुनिया के सब रंग* *फीके पड़ जाएंगे।* फिर तुम्हारी इच्छाएँ समाप्त हो जायेगी।* *तब संतोष और तृप्ति का भंडार मिल जाएगा।* ©Andy Mann

#अन्तस्

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