कह दो फिर वक्त नहीं मिलता
आप करते रहो इंतजार फिर शक्स नही मिलता ,
बात हजारों करके भी कुछ कहने को रह जाता है
पूरा करतें करते हमेशा कुछ अधूरा रह जाता है ,
कुछ पल साथ रहता है फिर कोई मौजूद नहीं रहता
यादें रह जाती है कोई वजूद नहीं रहता ,
गैरो से जिक्र होता है पर उनसे बात नही होती
जो रहते थे दिन रात नजरो के सामने फिर उनसे मुलाकात नहीं होती ,
दूरियां बढ़ जाती है इतनी की फिर पहल की गुंजाइश नहीं रहती
तकलीफ होती है बड़ती है पर कही नही जाती सही नही जाती,
वक्त पर गलतियों की सजा नही देती
जिंदगी रूठ जाती है अचानक कोई कारण नहीं देती , कोई वजह नहीं देती ।
©Ronak_S_RAJPUT
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