बारिश की बूँदें यूँ धीरे से धरा पर गिरी मानो घुंघ

"बारिश की बूँदें यूँ धीरे से धरा पर गिरी मानो घुंघरुओं से निकली झनकार हुई बिजली ने शोर मचाया ऐसा जैसे आसमान में रची नृत्य की बंदिश कोई गीली मिट्टी की सौंधी सौंधी खुशबू यूँ आयी मानो यादों का रियाज और मेरी पसंदीदा तिहाई नृत्य और सावन की आज यूँ जुगलबंदी चली जैसे किसी ने बरसों की परंपरा फिर से दोहराई ©Prajakta"

 बारिश की बूँदें यूँ धीरे से धरा पर गिरी 
मानो घुंघरुओं से निकली झनकार हुई 

बिजली ने शोर मचाया ऐसा 
जैसे आसमान में रची नृत्य की बंदिश कोई 

गीली मिट्टी की सौंधी सौंधी खुशबू  यूँ आयी
मानो यादों का रियाज और मेरी पसंदीदा तिहाई 

नृत्य और सावन की आज यूँ जुगलबंदी चली 
जैसे किसी ने बरसों की परंपरा फिर से  दोहराई

©Prajakta

बारिश की बूँदें यूँ धीरे से धरा पर गिरी मानो घुंघरुओं से निकली झनकार हुई बिजली ने शोर मचाया ऐसा जैसे आसमान में रची नृत्य की बंदिश कोई गीली मिट्टी की सौंधी सौंधी खुशबू यूँ आयी मानो यादों का रियाज और मेरी पसंदीदा तिहाई नृत्य और सावन की आज यूँ जुगलबंदी चली जैसे किसी ने बरसों की परंपरा फिर से दोहराई ©Prajakta

aaj humre yaha bemausam barish huyi to bas kuch likh diya💓

#leaf

People who shared love close

More like this

Trending Topic