आस जगाये और आग भी लगाये येह इश्क़ है जालिम अमृत पिल | English Poetry

"आस जगाये और आग भी लगाये येह इश्क़ है जालिम अमृत पिलाकर मरने पे मजबूर भी कर दे। ©kanchan M D✒"

 आस जगाये और आग भी लगाये
येह इश्क़ है जालिम
अमृत पिलाकर मरने पे मजबूर भी कर दे।

©kanchan M D✒

आस जगाये और आग भी लगाये येह इश्क़ है जालिम अमृत पिलाकर मरने पे मजबूर भी कर दे। ©kanchan M D✒

#इश्क़_का_दर्द

#इश्क़

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