यहां से दूर कहीं सही गलत के उस पार कोई मैदान होगा | हिंदी शायरी

"यहां से दूर कहीं सही गलत के उस पार कोई मैदान होगा तुमसे मिलने उस मैदान का चक्कर लगा आऊं मैं या फिर जहां दिल हो मंदिर प्रेम प्रार्थना रूह खुदा काफिर के इलाके में एक ऐसा शहर बसा आऊं मैं की कुछ इस कदर तुम्हारे भीतर समा जाऊं मैं के कोई देखे तुम्हे तो नजर आजाऊं मैं ©Shivam Choudhary"

 यहां से दूर कहीं 
सही गलत के उस पार कोई मैदान होगा
तुमसे मिलने उस मैदान का चक्कर लगा आऊं मैं
या फिर जहां दिल हो मंदिर प्रेम प्रार्थना रूह खुदा
काफिर के इलाके में एक ऐसा शहर बसा आऊं मैं
की कुछ इस कदर तुम्हारे भीतर समा जाऊं मैं
के कोई देखे तुम्हे तो नजर आजाऊं मैं

©Shivam Choudhary

यहां से दूर कहीं सही गलत के उस पार कोई मैदान होगा तुमसे मिलने उस मैदान का चक्कर लगा आऊं मैं या फिर जहां दिल हो मंदिर प्रेम प्रार्थना रूह खुदा काफिर के इलाके में एक ऐसा शहर बसा आऊं मैं की कुछ इस कदर तुम्हारे भीतर समा जाऊं मैं के कोई देखे तुम्हे तो नजर आजाऊं मैं ©Shivam Choudhary

कहीं दूर इस जहां से परे।।

#LostInSky @POETICPOOJA

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