यहां से दूर कहीं
सही गलत के उस पार कोई मैदान होगा
तुमसे मिलने उस मैदान का चक्कर लगा आऊं मैं
या फिर जहां दिल हो मंदिर प्रेम प्रार्थना रूह खुदा
काफिर के इलाके में एक ऐसा शहर बसा आऊं मैं
की कुछ इस कदर तुम्हारे भीतर समा जाऊं मैं
के कोई देखे तुम्हे तो नजर आजाऊं मैं
©Shivam Choudhary
कहीं दूर इस जहां से परे।।
#LostInSky @POETICPOOJA