"तू खो ना जाए कहीं मेरे मन मे एक डर सा है
अधूरी ना रहे कहानी अपनी मन मे एक डर सा है
नज़र ना लग जाए कोई काली अपने प्यारे रिश्ते को
हमारे इस रिश्ते के पीछे हासिदीन का भंवर सा है
खूदा का करम है हम पर के अबतक हम साथ है
तय्यार जूदा करने को हमें दुनिया का ज़ोर ओ जबर सा है
©Ashiq Momin
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