White इक नजूमी ने देखकर मिरी पेशानी,मिरा जो हाल बत | हिंदी Shayari

"White इक नजूमी ने देखकर मिरी पेशानी,मिरा जो हाल बता रखा है यानि मुझपे नागानी आफत आने का वबाल बता रखा है//१ न रही इखलासे उल्फत,न तुझमे कोई खुलुस ए इबादत, ये कहकर उसने मिरि मुख्लिस बंदगी को दलाल बता रखा है//२ खुदाया तिरी हिक्मत मे,वो खुदाई दावा कर रहा है,जिसने कई मुफलिस मजलूम को कर क़त्ल,मासूम बेगुनाहो को दज्जाल बता रखा है//३ इधर दो जून रोटी के जुगाड़ मे फना हो गई गरीबों की उम्र तमाम, उधर अमीरों ने दो नम्बरी आड़ को एक नम्बर हलाल बता रखा है//४ शमा" हर्गिज़ नहीं करती किसी नजूमी के दावे पे यक़ीन,के गैब की बात का इल्म तो रब ने खुद से ही हरहाल बता रखा है//५ #shamawritesbebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर"

 White इक नजूमी ने देखकर मिरी पेशानी,मिरा जो हाल बता रखा है
यानि मुझपे नागानी आफत आने का वबाल बता रखा है//१

न रही इखलासे उल्फत,न तुझमे कोई खुलुस ए इबादत,
ये कहकर उसने मिरि मुख्लिस बंदगी को दलाल बता रखा है//२

खुदाया तिरी हिक्मत मे,वो खुदाई दावा कर रहा है,जिसने कई मुफलिस
 मजलूम को कर क़त्ल,मासूम बेगुनाहो को दज्जाल बता रखा है//३

इधर दो जून रोटी के जुगाड़ मे फना हो गई गरीबों की उम्र तमाम,
उधर अमीरों ने दो नम्बरी आड़ को एक नम्बर हलाल बता रखा है//४

शमा" हर्गिज़ नहीं करती किसी नजूमी के दावे पे यक़ीन,के
 गैब की बात का इल्म तो रब ने खुद से ही हरहाल बता रखा है//५
#shamawritesbebaak

©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

White इक नजूमी ने देखकर मिरी पेशानी,मिरा जो हाल बता रखा है यानि मुझपे नागानी आफत आने का वबाल बता रखा है//१ न रही इखलासे उल्फत,न तुझमे कोई खुलुस ए इबादत, ये कहकर उसने मिरि मुख्लिस बंदगी को दलाल बता रखा है//२ खुदाया तिरी हिक्मत मे,वो खुदाई दावा कर रहा है,जिसने कई मुफलिस मजलूम को कर क़त्ल,मासूम बेगुनाहो को दज्जाल बता रखा है//३ इधर दो जून रोटी के जुगाड़ मे फना हो गई गरीबों की उम्र तमाम, उधर अमीरों ने दो नम्बरी आड़ को एक नम्बर हलाल बता रखा है//४ शमा" हर्गिज़ नहीं करती किसी नजूमी के दावे पे यक़ीन,के गैब की बात का इल्म तो रब ने खुद से ही हरहाल बता रखा है//५ #shamawritesbebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#sad_qoute इक नजूमी ने देखकर मिरी पेशानी,मिरा जो हाल बता रखा है,यानि मुझपे नागानी आफत आने का वबाल बता रखा है//१

न रही इखलासे उल्फत,न तुझमे कोई खुलुस ए इबादत,ये कहकर उसने मिरि मुख्लिस बंदगी को दलाल बता रखा है//२

खुदाया तिरी हिक्मत मे वो खुदाई दावा कर रहा है,जिसने कई मुफलिसो मजलूमों को कर क़त्ल,मासूम बेगुनाहो को दज्जाल बता रखा है//३

इधर दो जून रोटी के जुगाड़ मे फना हो गई गरीबों की उम्र तमाम,उधर अमीरों ने दो नम्बरी आड़ को एक नम्बर हलाल बता रखा है//४

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