जिसपे मेरा ईमान था अब वो मज़हब ही न रहा। ख़ुशी से ज | हिंदी Love

"जिसपे मेरा ईमान था अब वो मज़हब ही न रहा। ख़ुशी से जुदा हुए एक क़तरा भी आंसू न बहा। तस्वीरों का तो उसने कह दिया डिलीट कर देना, मग़र उन सब यादों का क्या करूँ कुछ न कहा।"

 जिसपे मेरा ईमान था अब वो मज़हब  ही न रहा।
ख़ुशी से जुदा हुए एक क़तरा भी  आंसू  न  बहा।
तस्वीरों का तो उसने कह दिया डिलीट कर देना,
मग़र उन सब यादों  का  क्या करूँ कुछ न  कहा।

जिसपे मेरा ईमान था अब वो मज़हब ही न रहा। ख़ुशी से जुदा हुए एक क़तरा भी आंसू न बहा। तस्वीरों का तो उसने कह दिया डिलीट कर देना, मग़र उन सब यादों का क्या करूँ कुछ न कहा।

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