बार बार माँ पर कविताएं लिखता हूं पर जितनी बार लिखत | हिंदी Love Video

"बार बार माँ पर कविताएं लिखता हूं पर जितनी बार लिखता हूं अपने आप को तुक्छ कवि होता देखता हूं पता है क्यूं ? हर बार माँ की व्याख्या करने में चूक जाता हूं... ✍️ मधुकान्त ©MADHUKANT THAKUR "

बार बार माँ पर कविताएं लिखता हूं पर जितनी बार लिखता हूं अपने आप को तुक्छ कवि होता देखता हूं पता है क्यूं ? हर बार माँ की व्याख्या करने में चूक जाता हूं... ✍️ मधुकान्त ©MADHUKANT THAKUR

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