कुछ अधूरे, कुछ आधे, कुछ पौने ख्वाब
रोज उग आते हैं मन के आंगन में,
आंखों में सजते हैं, आंखों से बहते हैं बहुत बेचारे से होते हैं ख्वाब, कभी मंदिर की घंटी में बजते, ओर कभी मन्नत के धागों में बांधे जाते हैं ये ख्वाब, आशाओं का अमृत पीकर और अमर हो जाते हैं ये ख्वाब कुछ आधे कुछ अधूरे कुछ पौने ख्वाब।
Ds 💕
#Nojoto #nojotoshayari
#DawnSun