गंभीर मन शांत चित्त एकाग्र हर एक पन्ना पलटते मस्तिष्क में एक नई सरंचना कहीं मैं ही नहीं हूं किरदार इस किताब का हर किताब संग क्यों नया रूप मेरा? ©AK Singh #Book # Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto